बालासोर :- डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन) ने आज बालासोर से अग्नि-4 मिसाइल का टेस्ट किया
इसकी रेंज 4 हजार किमी है पहले रेंज 3500 तक थी अग्नि-4 भी एटमी हथियार ले जाने में कैपेबल है बता दें कि 27 दिसंबर को अब्दुल कलाम आईलैंड से 5 हजार किमी रेंज वाली अग्नि-5 का टेस्ट कामयाब रहा था
बता दें कि भारत इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) बनाने वाला पांचवा देश है अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन हमसे पहले इस तरह की मिसाइल डेवलप कर चुके हैं रोड मोबाइल लॉन्चर से दागी जा सकती है अग्नि-4…
– अग्नि-4 में सटीक निशाना साधने के लिए रिंग लेजर गायरो बेस्ड इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (RINS), माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (MNS) लगे हुए हैं।
– अग्नि-4 1000 टन तक वॉरहेड ले जाने में कैपेबल है।
– सॉलिड फ्यूल से चलने वाले अग्नि-4 में दो इंजन लगे हैं। इसकी लंबाई 20 मीटर और लॉन्च वेट 17 टन है।
– इसे रोड मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है।
क्यों खास है अग्नि-5
– अग्नि-5 सतह से सतह पर मार करने वाली मीडियम से इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज की मिसाइल है। 27 दिसंबर, 2016 को यह इस मिसाइल का चौथा टेस्ट था। दूसरे और तीसरे टेस्ट से यह बात साबित हुई थी कि यह मिसाइल 20 मिनट में टारगेट को हिट कर सकती है।
– 19 अप्रैल 2012 को अग्नि का पहला, 15 सितंबर 2013 को दूसरा और 31 जनवरी 2015 को तीसरा टेस्ट हुआ था।
– साइंटिस्ट्स की मानें तो अग्नि-5 का नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम उसे खास बनाता है।
– मिसाइल में रिंग लेजर गायरो बेस्ड इनरशियल नेविगेशन सिस्टम (RINS) और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (MINS) टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे सटीक निशाना लगाने में मदद मिलती है।
– अग्नि में 85% स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।